Separated for Freedom

Minati I was a lecturer in a college in Imphal, Manipur. I came to Delhi with my family in 2006, intending to find work and especially so that my children could get a good education. There are good schools in Manipur, but there is a lot of insecurity and fear of local terrorism, which is... Continue Reading →

ग्रेटर कैलाश जैसी जगह में माहौल ख़राब हो सकता है, तो…

रितु से बातचीत आप यहां खिड़की में कब से हैं? मैं दिल्ली में 17 सालों से हूं। वैसे हम नेपाल के हैं। पहले मदनगीर में रहते थे। वहां से हम यहां आए। मैं शुरू से दिल्ली में रही हूं। मेरी पढ़ाई भी दिल्ली में हुई है। मदनगीर से यहां का रास्ता आधे घंटे का है।... Continue Reading →

एक कानूनी सफरनामा

शबीनाजी की ज़ुबानी मैं अपने पति से अपने हक़ के लिए लड़ रही हूं। शादी के बाद पति और ससुराल वालों ने मुझे घर से निकाल दिया। क्या वह घर मेरा नहीं था? अब कोर्ट में हमारे तलाक का केस चल रहा है। हर बार तारीख पड़ती है और मैं और मेरे पति वहां जाते... Continue Reading →

मैंने कोई बोर्ड-बैनर भी नहीं लगाया

रानी जी से बातचीत रानी जी, लोधी कालोनी में आपकी अच्छी कनेक्टिविटी है। जब आप यहां आईं तो यहां कैसा माहौल था? हम यहां दिसंबर के महीने में आए थे। हमारे जो रेगुलर स्टूडेंट्स थे, वे बीच में ट्यूशन नहीं छोड़ना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने यहां पर भी आना शुरू कर दिया। जब लोगों... Continue Reading →

तरक्की होती गई, लोग आगे बढ़ते गए

कमलेश जी से बातचीत अच्छा कमलेश जी, आप लाहौर से दिल्ली आई थीं ना, तो वहां के बारे में कुछ बताइए। नहीं, लाहौर से मेरे माता-पिता यहां आए थे। मैं तो दिल्ली में ही पैदा हुई। तो आप मालवीय नगर में कब से हैं ? मेरी शादी 20-22 साल में हो गई थी। मैं शादी... Continue Reading →

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